मेट्रो स्टेशन के तीन सौ मीटर के दायरे में सार्वजनिक वाहन उपलब्ध कराने की दिशा में काम चल रहा है। इसके लिए 96 मेट्रो स्टेशनों पर मल्टी माडल इंटीग्रेशन (एमएमआइ) प्रणाली लागू की जा रही है। इनमे से 59 स्टेशनों पर यह काम पूरा हो गया है और दस स्टेशनों के लिए निविदा जारी कर दी गई है। इस सुविधा से मेट्रो में यात्रा करने वालों को सुविधा होगी। महिलाओं, बुजुर्गों व बच्चों के सुरक्षित आवागमन सुनिश्चित हो सकेगा। लोग आसानी से अपने घर या कार्यस्थल पर पहुंच सकेंगे।
राजधानी के कई क्षेत्र में अभी मेट्रो पहुंचने का इंतजार है। लोगों को कई किलोमीटर चलकर मेट्रो स्टेशन पहुंचना पड़ता है। सार्वजनिक वाहन उपलब्ध नहीं होने से उन्हें मेट्रो स्टेशन तक पहुंचने में परेशानी होती है। इस परेशानी को दूर करने के लिए एमएमआइ प्रणाली को लागू किया जा रहा है। इस प्रणाली के तहत मेट्रो स्टेशन से लास्ट माइल कनेक्टिविटी को सुनिश्चित किया जाएगा। लोगों के लिए बस, आटो, ई-रिक्शा की सुविधा उपलब्ध होगी।
दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) के प्रधान कार्यकारी निदेशक अनुज दयाल का कहना है कि एमएमआइ सार्वजनिक परिवहन के सदुपयोग का सबसे बेहतर तरीका है। इसे लागू करने के लिए डीएमआरसी हरसंभव प्रयास कर रहा है। इसके साथ ही स्टेशनों के सुंदरीकरण के लिए भी काम किया जा रहा है।
एमएमआइ के तहत मेट्रो स्टेशनों पर उपलब्ध सुविधाएं
मेट्रो स्टेशन के पास सार्वजनिक वाहनों के लिए यात्रियों को उतारने व बैठाने की सुविधा। साइकिल ट्रैक व पैदल चलने के लिए सुरक्षित स्थान। इन सुविधाओं के लिए सड़कों को चौड़ा किया जा रहा है। पार्किंग स्थल उपलब्ध कराने के साथ ई वाहनों के लिए चार्जिंग की
जनकपुरी ईस्ट, उत्तम नगर वेस्ट, द्वारका मोड़, नेहरू प्लेस, नवादा, शाहदरा, शास्त्री पार्क, शास्त्री नगर, जहांगीरपुरी और करोलबाग मेट्रो स्टेशनों पर एमएमआइ लागू करने के लिए 24.28 करोड़ रुपये खर्च होंगे। दिल्ली मेट्रो रेल निगम द्वारा इसके लिए निविदा जारी की गई है।