स्थायी नौकरी, समय पर वेतन व पुराने बकाये के भुगतान जैसी अपनी अन्य कई मांगों के साथ सफाई कर्मियों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है।
सफाई कर्मियों ने कहा अब जब तक एमसीडी उनकी मांगों को नहीं मान लेग वो सुबह ड्यूटी पर आकर केवल हाजिरी लगाएंगे और साइट पर बैठे रहेंगे।

न झाड़ू लगाएंगे और न कचरा उठाएंगे। यदि ऐसा हुआ तो त्योहारी सीजन में दिल्ली की सफाई व्यवस्था चरमरा जाएगी। सफाई कर्मियों के नेता संत लाल चावरिया ने दावा किया कि
हड़ताल में एमसीडी में कार्यरत 80 फीसदी सफाई कर्मचारी शामिल हैं। दूसरी तरफ दिल्ली सफाई कर्मचारी आयोग के अध्यक्ष संजय गहलोत ने इस हड़ताल को झूठा करार दिया है।
उन्होंने कहा कि सिविक सेंटर पर जो लोग हंगामा कर रहे थे, वे निगम के मौजूदा सफाई कर्मचारी हैं ही नहीं। कोई दस साल तो कोई पांच साल से निलंबित है।

ये सब केवल सफाई कर्मियों को गुमराह करने के लिए जुटे थे। सिविक सेंटर पर जुटे सैकड़ो सफाई कर्मियों ने एमसीडी प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की और उनपर वादाखिलाफी
का आरोप लगाया। साथ ही उनकी मांगे मानने का अनुरोध किया। दिल्ली नगर निगम समस्त यूनियन कोर कमेटी के अध्यक्ष संत लाल चावरिया ने कहा कि दोपहर में निगम आयुक्त
ज्ञानेश भारती के साथ उनकी बैठक हुई, जिसमें निगम के कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। पूर्व महापौर जय प्रकाश व भाजपा के दिल्ली प्रदेश उपाध्यक्ष राजीव बब्बर इस बातचीत में

मध्यस्ता कर रहे थे। लेकिन सफाई कर्मियों से बातचीत बेनतीजा रही। एमसीडी के सूचना विभाग के निदेशक अमित कुमार ने बताया कि देर शाम उन्होंने सभी जोनों में बात की है,
कहीं कोई हड़ताल नहीं है। निगम को दिल्ली के नागरिकों और अपने सफाई कर्मियों के हितों की परवाह है। इसलिए निगम कर्मचारियों की समस्याओं का हर संभव समाधान करेगा।

सफाई कर्मियों की ये प्रमुख मांगे हैं:
. सभी पक्के सफाई कर्मियों को हर महीने सात तारीख से पहले वेतन दिया जाए।
. करुणामूलक आधार पर लगे एक अप्रैल 2003 से 2010 तक के सफाई कर्मियों को पक्का किया जाए।
. 2013 में जिन सफाई कर्मियों को 1 अप्रैल 2004 से पक्का माना गया, बाद में निगम ने उन्हें 2013 से पक्का करने का आदेश दिया, इस आदेश को रद्द कर उन्हें 2004 से अबतक का बकाया एरियर दिया जाए।
. पिछले दो सालों का बकाया दिवाली बोनस दिया जाए, डीए और 2017 से वर्दी का बकाया पैसा दिया जाए।
. सभी मृतक सफाई कर्मियों के आश्रृतों को करुणामूलक आधार पर रुकी नौकरी दी जाए।
. मृत सफाई कर्मियों के अंतिम लाभांष तीन महीने के भीतर उनके आश्रृतों को मिले, भुगतान नहीं होने पर नौ फीसदी ब्याज मिले।
. मोबाइल ऐप हाजिरी सिस्टम बंद किया जाए।