किसी भी स्टेशन पर मेट्रो के दोनों तरफ (अप व डाउन) से आवागमन के लिए एक दूसरे के समानांतर प्लेटफार्म बनाए जाते हैं।
सदर बाजार में जगह कम पड़ रही है। इसीलिए डीएमआरसी सदर बाजार में डबल डेकर भूमिगत मेट्रो स्टेशन बनाने पर विचार कर रहा है।

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में फेज-चार में दो जगहों पर डबल डेकर कारिडोर बनाए जा रहे हैं। इस डबल डेकर कारिडोर पर वाहनों के लिए फ्लाईओवर और इसके ऊपर मेट्रो कारिडोर होगा।
इसी क्रम में फेज चार में निर्माणाधीन जनकपुरी पश्चिम-आरके आश्रम कारिडोर के सदर बाजार में डबल डेकर भूमिगत मेट्रो स्टेशन बनाने पर भी दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी)
विचार कर रहा है। इसका कारण यह है कि सदर बाजार में जमीन की कमी आड़े आ रही है। इसलिए सदर बाजार में डबल डेकर भूमिगत स्टेशन बनेगा।

स्टेशन के डिजाइन को अंतिम रूप देने का काम बाकी
अगर ऐसा होता है तो यह देश का पहला मेट्रो स्टेशन होगा जिसके प्लेटफार्म समानांतर नहीं, ऊपर-नीचे होंगे। डीएमआरसी का कहना है कि
स्टेशन के प्रारूप (डिजाइन) को अंतिम रूप देने का काम बाकी है। प्रारूप तैयार होने के बाद ही डीएमआरसी योजना के बारे में स्थिति स्पष्ट कर पाएगा।

28.92 किलोमीटर होगी नए कारिडोर की लंबाई उम्मीद है कि एक माह में स्टेशन का प्रारूप तैयार कर लिया जाएगा। जनकपुरी पश्चिम-आरके आश्रम कारिडोर वर्तमान मजेंटा लाइन (जनकपुरी पश्चिम-बोटेनिकल गार्डन) की विस्तार परियोजना है।
इस नए कारिडोर की लंबाई 28.92 किलोमीटर होगी।इसका 19.42 किलोमीटर हिस्सा एलिवेटेड व 9.40 किलोमीटर हिस्सा भूमिगत होगा। इस कारिडोर पर कुल 22 मेट्रो स्टेशन होंगे,
जिसमें से 15 स्टेशन एलिवेटेड व सात भूमिगत होंगे।इस मेट्रो लाइन का सबसे बड़ा भूमिगत कारिडोर डेरावाल नगर से आरके आश्रम के बीच होगा,

जिसकी लंबाई 7.46 किलोमीटर होगी। इस भूमिगत कारिडोर का निर्माण कार्य भी हाल ही में शुरू हुआ है। डेरावाल नगर, घंटाघर, पुल बंगश, सदर बाजार, नबी करीम व आरके आश्रम पर स्टेशन होंगे।
कुछ ऐसा हो सकता है
किसी भी स्टेशन पर मेट्रो के दोनों तरफ (अप व डाउन) से आवागमन के लिए एक दूसरे के समानांतर प्लेटफार्म बनाए जाते हैं। सदर बाजार में जगह कम पड़ रही है।
बताया जा रहा है कि सदर बाजार स्टेशन के निर्माण के लिए अधिक तोड़फोड़ करने की जरूरत पड़ेगी। इसलिए सदर बाजार में भूमिगत स्टेशन के प्लेटफार्म एक दूसरे के ऊपर नीचे बनाए जाएंगे।

लिहाजा, यह यह दिल्ली मेट्रो का सबसे गहरा भूमिगत स्टेशन हो सकता है।
ऐसे में सदर बाजार स्टेशन का निर्माण फेज चार में डीएमआरसी के लिए तकनीकी रूप से सबसे बड़ी चुनौती साबित हो सकती है।
हालांकि, डीएमआरसी का कहना है कि जमीन की अड़चन दूर करने की कोशिश चल रही है। यदि जमीन की अड़चन दूर हुई तो सामान्य भूमिगत स्टेशन भी बनाया जा सकता है।