दिल्ली में सस्ती इलेक्ट्रिक कारें, 5 लाख रुपये से शुरू होगी कीमत

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पहले आओ, पहले पाओ’ योजना ई-कारों को बढ़ावा देने का बेहतर उपाय हो सकती है। पर्यावरण के क्षेत्र में काम करने वाले गैर सरकारी संगठन क्लाइमेट ट्रेंडस ने एक विश्लेषण के आधार पर अर्ली बर्ड इंसेंटिव योजना फिर से शुरू करने का सुझाव दिया है। संगठन ने दावा किया है कि अगर यह स्कीम शुरू होती है तो दिल्ली ई-वाहन नीति-2021 के तहत 2022 में लांच होने वाली पांच नई इलेक्ट्रिक कारों के माडलों की कीमत 5 से 15 लाख रुपये की रेंज में आ जाएगी। कीमतों की यह रेंज ई-कारों को बढ़ावा देने में एक बेहद महत्वपूर्ण सेगमेंट है। राजधानी दिल्ली में 75 प्रतिशत के करीब गाड़ियां इसी रेंज की बिक रही हैं

क्लाइमेट ट्रेंडस ने अपने विश्लेषण में कहा है कि कई इलेक्ट्रिक गाड़ियां 35 से 65 प्रतिशत तक सस्ती हो सकती हैं। दिल्ली की नीति ने पहली 1000 इलेक्ट्रिक गाड़ियों को अन्य छूट के अलावा अधिकतम 1,50,000 रुपये की अर्ली बर्ड प्रोत्साहन राशि की पेशकश की थी। यह प्रोत्साहन फेम-2 के तहत योग्य होने के रूप में सूचीबद्ध एडवांस बैट्री वाली स्वदेशी गाड़ियों पर लागू था।

पहली 1000 बिक्री के बाद नवंबर 2021 में इस सब्सिडी को बंद कर दिया गया था। अब इलेक्ट्रिक गाड़ियों को सिर्फ रोड टैक्स और पंजीकरण से छूट मिलती है। नेशनल रिसर्च एंड डेवलपमेंट कारपोरेशन (एनआरडीसी) की इलेक्ट्रिक मोबिलिटी एंड क्लीन एनर्जी एक्सेस कंसल्टेंट चारूलता के अनुसार दिल्ली ने इलेक्टिक मोबिलिटी को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

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इसके बावजूद दिल्ली में अभी भी प्रदूषण काफी अधिक है। इस विश्लेषण रिपोर्ट का मकसद भी अर्ली बर्ड सब्सिडी को हटाने के प्रभाव को उजागर करना ही है। रिपोर्ट में कहा गया है कि जापान, नार्वे और जर्मनी जैसे देशों में इलेक्ट्रिक गाड़ियां लोगों की पसंद बन चुकीं हैं। इन सभी देशों ने इन गाड़ियों की मांग को बढ़ाने के लिए खरीद प्रोत्साहन और सब्सिडी पर भरोसा किया। क्लाइमेट ट्रेंड्स की निदेशक आरती खोसला के अनुसार राजधानी दिल्ली निजी कारों के लिए महत्वपूर्ण बाजार है। यहां देश की सबसे अधिक गाड़ियों की बिक्री होती है।

ऐसे में विश्लेषण से पता चला है कि दिल्ली की ई-वाहन नीति के तहत कार खरीदने के इच्छुक लोगों को कई नई इलेक्टिक गाड़ियां आरामदायक मूल्य सीमा के भीतर मिल जाएंगी। रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली की सड़कों पर लगभग 28 प्रतिशत वाहन कारें हैं। यदि इन्हें इलेक्ट्रिक कारों से बदल दिया जाए तो प्रदूषण कम करने के साथ इससे ई-मोबिलिटी लक्ष्यों को प्राप्त करना भी आसान हो जाएगा।

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