Air Pollution In Delhi-NCR दिल्ली के साथ-साथ एनसीआर के शहरों में भी वायु प्रदूषण के खिलाफ 1 अक्टूबर से जंग शुरू हो जाएगी क्योंकि ग्रेप लागू हो जाएगा।
इसके तहत दिल्ली-एनसीआर की सभी संस्थानों का इसका पालन करना अनिवार्य होगा।दिल्ली के पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने से नवंबर महीने में धुएं से प्रदूषण अधिक होता है और

दीपावाली के दौरान पटाखों से प्रदूषण बढ़ जाता है। इसलिए दीपावली के दौरान प्रदूषण की रोकथाम के लिए पटाखों पर प्रतिबंधों को भी सख्ती से लागू किया जाएगा। कई चरणों में लागू होगा ग्रेप
बता दें कि पहले वातावरण में पीएम-2.5 और पीएम-10 के स्तर को ध्यान में रखकर प्रतिबंधों को लागू किया जाता था, लेकिन इस बार वायु गुणवत्ता के आधार पर ग्रेप के अंतर्गत

निर्धारित प्रतिबंधों को चार चरणों में लागू किया जाएगा।450 AQI की रखा गया है बहुत खतरनाक श्रेणी में पहले चरण में वायु गुणवत्ता की खराब श्रेणी (एक्यूआइ 201-300),
दूसरे में वायु गुणवत्ता बहुत खराब श्रेणी (एक्यूआइ 301-400), तीसरे में खतरनाक (एक्यूआइ 401-450) व चौथे चरण में वायु गुणवत्ता बहुत खतरनाक श्रेणी (एक्यूआइ 450 से अधिक) को रखा गया है। धूल पर लगाई जाएगी लगाम
एक अक्टूबर से ग्रेप लागू होने की स्थिति में कच्ची और टूटी सड़कों पर पानी का छिड़काव करने, निर्माण कार्य वाली साइटों पर निरीक्षण और धूल से रोकने के इंतजाम, गाड़ियों की

सघन चेकिंग, ट्रैफिक जाम न लगे, इसकी कोशिश की जाएगी।ईंट भट्ठों के लिए भी जारी होंगे निर्देशहोटल, रेस्तरां और ढाबों में कोयला और लकड़ी जलाने पर भी रोक रहेगी।
ईंट भट्ठे वही चलाए जा सकेंगे जो जिग जैग तकनीक वाले होंगे। हॉट मिक्स प्लांट व स्टोन क्रशर पर धूल बैठाने वाले उपाय किए जाएंगे। बता दें कि प्रतिबंध के कई चरण हैं और इसके बारे में विस्तार से जानकारी दी गई है।