सार्वजनिक परिवहन से शहर से दिल्ली आने-जाने वाले हजारों लोगों के लिए अच्छी खबर है. इन लोगों का दिल्ली पहुंचाना अब और भी आसान हो जाएगा. इलेक्ट्रिक बसें अब दिल्ली तक जाएंगी, जिससे लोगों को भीड़भाड़ और भारी ट्रैफिक में पैदल न चलना पड़े. यह सुविधा अभी एक रूट पर शुरू की जा रही है, रिस्पांस देखकर अन्य रूट पर भी यह व्यवस्था लागू कर दी जाएगी.
उत्तर प्रदेश परिवहन निगम ने मसूरी से अप्सरा बॉर्डर तक चलने वाली इलेक्ट्रिक बसों को दिलशाद गार्डन तक भेजना का निर्णय लिया है. इस रूट पर चलने वाली सभी पांचों बसों के रूट में बदलाव कर दिया गया है, जिससे लोग इलेक्ट्रिक बस से उतरकर मेट्रो या डीटीसी बस ले सकते हैं. परिवहन निगम ने पहले कौशांबी से मुरादनगर और फिर दूसरा रूट दिलशाद गार्डन बॉर्डर से मसूरी तक शुरू किया. मुरादनगर रूट पर यात्रियों की संख्या अच्छी खासी है. गाजियाबाद, मोहननगर से दिल्ली जाने वाले यात्री मेट्रो को पसंद कर रहे हैं, क्योंकि इलेक्ट्रिक बस सिर्फ दिल्ली बॉर्डर तक जाती हैं और इससे आगे दूसरे ऑटो या बसों में सफर करना पड़ता है. इसी को ध्यान में रखते हुए बसों के रूट को दिलशाद गार्डन तक बढ़ाया गया है.
परिवहन अधिकारियों के अनुसार दिल्ली में प्रवेश के लिए आरटीओ या दिल्ली सरकार से इन बसों को अनुमति नहीं लेनी पड़ेगी. सिटी बसें पड़ोसी राज्यों में सात किलोमीटर अंदर तक जा सकती हैं. अप्सरा बॉर्डर से दिलशाद गार्डन महज डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर है. ऐसे में दिल्ली में एंट्री करने में कोई रुकावट नहीं है.
गाजियाबाद में इलेक्ट्रिक बसों का बेड़ा बढ़ेगा. जिले को 9 और बसें मिल गई हैं. इन बसों को मिलाकर इलेक्ट्रिक बसों की संख्या 30 पहुंच गई है. परिवहन अधिकारियों के अनुसार इन बसों के पंजीकरण की प्रक्रिया एक सप्ताह में पूरी हो जाएगी. चालकों की नियुक्ति की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है. एक सप्ताह में चालकों की ट्रेनिंग और मेडिकल प्रक्रिया को पूरा कर गाजियाबाद में नियुक्त कर दिया जाएगा. इसके बाद इन बसों को रूट पर उतारा जाएगा. इस तरह विभिन्न रूटों पर इसी माह 9 और बसों का संचालन शुरू होगा.