बताया जा रहा है कि दिल्ली मेट्रो रेल निगम द्वारा चालू रेलवे लाइन के नीचे मेट्रो दौड़ाने की योजना बना चुका है। इसके लिए 110 मीटर लंबी टनल को तैयार किया जाएगा
। ये मेट्रो कॉरिडोर रेलवे लाइन से करीब 23 मीटर नीचे बनाया जाने वाला है। बताया जा रहा है कि दिल्ली मेट्रो द्वारा ये काम मेट्रो फेज़ चार में बन रहे सिल्वर लाइन कॉरिडोर पर करने की

योजना बनाई गई है। जिस रेलवे ट्रेक के नीचे ही मेट्रो कॉरिडोर तैयार किया जा रहा है वे पलवल रेलवे मार्ग है।
ऐसे में मेट्रो 17 जोड़ी चालू रेलवे ट्रेक को पार करने वाली है। ये वाकई हैरान कर देने वाला होगा
एनसीआर और हरियाणा हासिल होगा लाभ इस सुविधा का सबसे अधिक लाभ दिल्ली के साथ साथ एनसीआर और हरियाणा के शहरों में रहने वाले लोगों को हासिल होगा।

लोग अब आसानी से इस मेट्रो रेल के साथ एयरपोर्ट पहुंच सकेंगे। इसके अलावा यह टनल अपने आप में एक मिसाल होगा,
जिससे यह भी पता चलेगा कि अब अपने देश में शानदार तकनीक से मेट्रो का संचालन किया जा रहा है।
ट्रेक और टनल के बीच 15 मीटर की दूरी दिल्ली मेट्रो ने हर बार असंभव से दिखने वाले कार्यों को पूरा किया है। वहीं अब वापस से दिल्ली मेट्रो द्वारा कुछ ऐसा किया जा रहा है जो सुनने में भी असंभव सा ही लगता है।

दरअसल दिल्ली मेट्रो अब चालू रेलवे ट्रेक के नीचे मेट्रो चलाने वाली है। ऐसा पहली बार होने वाला है जब मेट्रो एक साथ कई रेलवे ट्रेक को भूमिगत लाइन के माध्यम से पार करने वाली है।
बताया जा रहा है कि ये कॉरिडोर रेलवे ट्रेक से 23 मीटर नीचे बनाया जाएगा। वहीं रेलवे ट्रेक और मेट्रो टनल की छत में भी सिर्फ 15 मीटर काही फासला होगा।
वहीं इस कॉरिडोर को बनाते वक्त इस बात का ध्यान भी रखा जाएगा की रेलवे ट्रेक को किसी भी तरह की परेशानी न हो। हालांकि इंजीनियर्स के मुताबिक ये काम काफी मुश्किल है

लेकिन दिल्ली मेट्रो ने कई बारा असंभव से दिखने वाले काम को सफल बनाया है। वहीं अब इस कार्य से यात्रियों को भी फायदा मिलने वाला है।
इलाकों को जोड़ेगा ये कॉरिडोर
ऐसे में फ़रीदाबाद से आने जाने वालों को भी काफी सुविधा होगी। वहीं यात्रियों के लिए एयरपोर्ट पहुंचना भी आसान हो जाएगा।

बताया जा रहा है कि सिल्वर लाइन कॉरिडोर करीब 23.62 किमी लंबा है। ये कॉरिडोर एयरपोर्ट को सीधा मेट्रो से जोड़ने वाला है।
दक्षिणी दिल्ली के भी कई इलाके इस कॉरिडोर के कारण जुड़ जाएंगे। वहीं जानकारी के मुताबिक 2025 तक इस योजना के पूरे होने की बात कही जा रही है।