डीटीसी की बसों में रोजाना औसतन करीब 15 लाख यात्री सफर करते हैं। इनमें महज 3.3 फीसदी यात्री ही ऑनलाइट टिकट खरीदते हैं।
बसों में कांटेक्ट लेस टिकटिंग की शुरुआत के करीब एक साल बाद भी महज 3.3 फीसदी यात्री ही ऑनलाइट टिकट खरीदते हैं।
इसके लिए चार्टर एप की शुरुआत होने के बाद धीरे धीरे यात्रियों की संख्या बढ़ रही है। यात्रियों की संख्या में बढ़ोतरी के साथ-साथ ऑनलाइन टिकट के खरीदारों की संख्या में भी बढ़ोतरी की उम्मीद की जा रही है।
नई ई-बसों के सड़कों के उतरने के बाद बसों के नंबर के आधार पर भी टिकट खरीदने की सुविधा यात्रियों को मुहैया की जा रही है। पहले क्यूआर कोड को स्कैन कर यात्री टिकटों की ऑनलाइन बुकिंग कर रहे थे।
जुलाई के शुरुआती 13 दिनों के आंकड़े के मुताबिक, दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) की बसों में रोजाना औसतन करीब 15 लाख यात्री सफर करते हैं।
इनमें सामान्य टिकट खरीदने वालों की संख्या सर्वाधिक है। इसके बाद पिंक टिकट पर बसों में निशुल्क सफर की सुविधा का महिलाएं भी उपयोग कर रही हैं।
डीटीसी की 3000-3200 बसें रोजाना सड़क पर उतरती हैं। इन बसों में औसतन 500 से अधिक यात्री दैनिक पास (डेली पास) से सफर करते हैं। करीब 14.49 यात्री रोजाना सफर में टिकटों की मोबाइल एप से ऑनलाइन बुकिंग करते हैं।
जुलाई के शुरुआती दो हफ्ते में मोबाइल एप से टिकटों की बुकिंग
सामान्य टिकट- 305676
पिंक पास- 290546
डेली पास- 6563
मोबाइल से कुल टिकट- 602785
मैन्युअल टिकट- 1,82,73493
बसों के नंबर से भी टिकटों की हो सकती है बुकिंग
बसों में यात्रियों की सुविधा के लिए पिछले साल चार्टर एप की शुरुआत की गई थी। इसके जरिये टिकटों की ऑनलाइन बुकिंग की सुविधा यात्रियों को मुहैया की जा रही है।
एप के जरिये क्यूआर कोड को स्कैन कर टिकट बुक करने की सुविधा मुहैया की गई। ई-बसों में शुरुआत में क्यूआर कोड नहीं लगाए गए तो बसों के नंबर से ही टिकट बुक करने की सुविधा प्रदान की गई।
हालांकि ई-बसों में अभी भी ऑनलाइन टिकट खरीदने वालों की संख्या काफी कम है।