Delhi News : मंगलवार तक दिल्ली के 77,523 रेहड़ी-पटरी दुकानदारों ने ऑनलाइन पंजीकरण के लिए आवेदन किया है। इन दुकानदारों का सर्वे कराने के बाद निगम ने इन्हें मंजूरी प्रदान की है।
अब ये सभी दुकानदार पीएम स्वनिधि योजना के तहत आसानी से ऋण लेकर अपना व्यवसाय शुरू कर सकते हैं।एकीकृत दिल्ली नगर निगम ने अब तक कुल 66,953

रेहड़ी-पटरी दुकानदारों को मंजूरी दी है। मंगलवार तक दिल्ली के 77,523 रेहड़ी-पटरी दुकानदारों ने ऑनलाइन पंजीकरण के लिए आवेदन किया है।
इन दुकानदारों का सर्वे कराने के बाद निगम ने इन्हें मंजूरी प्रदान की है। अब ये सभी दुकानदार पीएम स्वनिधि योजना के तहत आसानी से ऋण लेकर अपना व्यवसाय शुरू कर सकते हैं।
इसके अलावा एमसीडी की तरफ से इन्हें सड़कों के किनारे और बाजारों में अपनी दुकान लगाने का स्थान भी सुनिश्चित किया जा रहा है।
दिल्ली नगर निगम के मुताबिक, रेहड़ी-पटरी दुकानदारों का सर्वेक्षण लगातार जारी है। दो अगस्त तक 77,523 दुकानदारों ने पंजीकरण के लिए आवेदन किया है,

जिनमें से 72,708 दुकानदारों के सर्वे का काम पूरा हो गया है। इनमें से 66,953 दुकानदारों को निगम ने मंजूरी दे दी है।
दिल्ली निगम के अधिकारियों के मुताबिक, रेहड़ी-पटरी दुकानदारों को स्वनिधि योजना के तहत लगातार प्रोत्साहित किया जा रहा है।
एमसीडी में पंजीकृत ऐसे दुकानदारों को चिह्नित कर उन्हें पीएम स्वनिधि योजना से जोड़ने का काम किया जा रहा है। बीते हफ्ते एमसीडी ने इसके लिए दो जगहों पर कैंप लगाया था।

बन सकते हैं आत्मनिर्भर
केंद्र सरकार ने इसी साल अप्रैल में दिल्ली समेत अन्य केंद्र शासित व पूर्ण राज्यों के रेहड़ी-पटरी दुकानदारों के लिए स्वनिधि से समृद्धि योजना (पीएम स्वनिधि) लागू की है।
इस योजना को आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत लागू किया गया है। योजना के तहत रेहड़ी पटरी वाले छोटे दुकानदारों को बिना गारंटी के 10 हजार रुपये तक का ऋण
उपलब्ध कराया जाता है। एमसीडी की ओर से पंजीकृत रेहड़ी-पटरी दुकानदार इस योजना से आत्मनिर्भर बन सकते हैं।

करदाताओं से डिजिटल माध्यम से पत्राचार करेगा निगम दिल्ली नगर निगम मानवीय दखल को कम करने और पारदर्शिता लाने के लिए करदाताओं के साथ अधिकतम पत्राचार डिजिटल माध्यम से ही करेगा।
निगम ने कहा कि इससे निगम की कार्यप्रणाली में तेजी आएगी। निगम ने डीएमसी अधिनियम, 1957 की धारा 123ए, बी, सी, डी के तहत सभी नोटिस ऑनलाइन जारी
करने का निर्णय लिया है। संपत्ति कर का मूल्यांकन नागरिकों के यूपीआईसी नंबर (विशिष्ठ संपत्ति पहचान कोड) से पंजीकृत मोबाइल नंबर और यूपीआईसी प्रोफाइल से जुड़ी ई-मेल

आईडी के माध्यम से किया जाएगा। निगम की ओर से कहा गया है कि बड़ी संख्या में करदाताओं के फोन नंबर और ई-मेल आईडी उनके पास नहीं हैं।
इसके लिए निगम ने नागरिकों से अनुरोध किया है कि वे अपने यूपीआईसी प्रोफाइल में संपत्ति का सही पता, मोबाइल नंबर और ई-मेल आईडी जोड़ें।
अधिकारियों पर बिना वजह नोटिस भेजने का आरोप
व्यापारिक संगठन ने दिल्ली नगर निगम की तरफ से बाजारों में कई तरह के नोटिस भेजने का आरोप मढ़ा है।

कमला नगर, राजौरी गार्डन, जीके-1 एम ब्लॉक, जीके-2 एम ब्लॉक, साउथ एक्स पार्ट-1
व्यापारी नेताओं ने कहा है कि साइनेज चार्ज के लिए बाजार में एमसीडीअधिकारियों की तरफ से नोटिस भेजे जा रहे है। इससे दुकानदार खासे परेशान है।
और पार्ट-2 में कन्वर्जन चार्ज और साइनेज चार्ज के नोटिस थमाए गए हैं। नोटिस के साथ ही दुकानों को सील भी किया
जा रहा है। सीटीआई के चेयरमैन बृजेश गोयल ने कहा कि अधिकारी निरंकुश हो गए हैं।