नई दिल्ली,यात्रा के दौरान कोच की सफाई, खानपान व अन्य सुविधाओं को लेकर यात्रियों की शिकायत आम बात है। यात्री अक्सर रेल मदद ऐप पर शिकायत करते हैं।
रेलवे प्रशासन का दावा रहता है कि इस ऐप पर मिलने वाली शिकायतों का जल्द निपटारा करने की कोशिश होती है।राजधानी, शताब्दी जैसी महत्वपूर्ण ट्रेनों में यात्रा करने वाले

यात्रियों को ज्यादा परेशानी नहीं होती है, लेकिन लंबी दूरी की कई ट्रेनों में यात्रियों की शिकायत ज्यादा रहती है। रेलवे बोर्ड ने सहरसा-अमृतसर गरीब रथ सहित पांच उन ट्रेनों की पहचान की है, जिसमें यात्रा करने वालों ज्यादा शिकायत करते हैं।
इन ट्रेनों के यात्री करते हैं ज्यादा शिकायत
दानापुर से बेंग्लुरू के बीच चलने वाली संघमित्रा एक्सप्रेस के यात्री रेल मदद ऐप पर ज्यादा शिकायत कर रहे हैं। इसके बाद सहरसा-अमृतसर गरीब रथ,

डिब्रुगढ़ से लालगढ़ के बीच चलने वाली अवध-असम एक्सप्रेस, आनंद विहार टर्मिनल से कामख्या के बीच चलने वाली नार्थ-ईस्ट एक्सप्रेस और बरौनी-गोंदिया एक्सप्रेस के यात्री ट्रेन में सुविधाओं की कमी को लेकर शिकायत करते हैं।
एसी फेल होने से परेशान रहते हैं यात्री
गर्मी के दिनों में वातानुकूलित श्रेणी के कोच में एयरकंडीशनर (एसी) और सामान्य कोच में पंखे खराब होने की शिकायत ज्यादा रहती है।
रेल मदद एप पर मिलने वाली शिकायतों में से 80 प्रतिशत विद्युत उपकरणों की खराबी, सुरक्षा, कोच की सफाई, ट्रेन की लेटलटीफी और पानी की समस्या को लेकर है।

ट्रेनों की लेटलतीफी की शिकायतें भी बढ़ रही हैं। रेलवे अधिकारियों का कहना है कि सबसे कई रेलखंड पर गति क्षमता बढ़ाने और संरक्षा का काम चल रहा है। वर्षा से भी ट्रेनों की आवाजाही बाधित होती है।
शिकायतों के निपटारे में होती है देरी
रेल मदद एप पर मिलने वाली शिकायतों के निपटारे में देरी की भी समस्या है। कोंकण रेलवे, पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (एनएफआर) और भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम
(आइआरसीटीसी) से संबंधित शिकायतों का निपटारा समय पर नहीं हो रहा है। रेलवे बोर्ड ने इसे गंभीरता से लेते हुए संबंधित क्षेत्रीय रेलवे और आइआरसीटीसी से यात्रियों की समस्या कम समय में हल करने को कहा है।

उत्तर रेलवे के यात्री भी खूब करते हैं शिकायत
गौरतलब हैकि रेलवे स्टेशनों और ट्रेनो में खानपान सेवा के साथ रिटायरिंग रूम का संचालन आइआरसीटीसी करता है। इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही रेल मदद पर की गई कुल
शिकायतों का 14.8 प्रतिशत आइआरसीटीसी से संबंधित है। इस मामले में उत्तर रेलवे बहुत पीछे नहीं है। 13.6 प्रतिशत शिकायतें इसी क्षेत्रीय रेलवे से संबंधित हैं।