आज पूरे देश में दशहरा की धूम रहेगी। दिल्ली में पहलीबार बिना पटाखों के रावण का दहन होगा तो कुल्लू, बस्तर और मैसूर में ऐसा दशहरा मनाया जाएगा,
जहां न राम होंगे न रावण दहन, फिर भी दशहरे की धूम रहेगी। कुल्लू के दशहरा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल होंगे।कुल्लू का दशहरा 372 साल से भगवान रघुनाथ की अध्यक्षता

में मनाया जा रहा है। दशहरा उत्सव समिति की ओर से हर साल की तरह इस बार भी देवी देवताओं को निमंत्रण पत्र भेजे गए हैं। कुल्लू के साथ खराहल, ऊझी घाटी, बंजार, सैंज, रूपी
वैली के सैकड़ों देवी-देवता दशहरा की झांकियां यहां शोभा बढ़ाने के लिए पहुंचेंगी। दिलचस्प यह है कि बाह्य सराज आनी-निरमंड के देवी देवता 200 किलोमीटर का लंबा सफर

कर दशहरा में पहुंचेंगे। ऐतिहासिक ढालपुर मैदान में आयोजन होगा। इस बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी आयोजन में शामिल होंगे। यहां वह कई घोषणाएं करेंगे।
बस्तर दशहरा: 622 साल पहले महाराजा पुरषोत्तम ने शुरू की थी परम्परा बस्तर के ऐतिहासिक दशहरा की परम्परा 622 साल से जारी है। बस्तर के इतिहासकारों के मुताबिक 1400 ईसवीं में राजा पुरषोत्तम देव ने इस परम्परा की शुरुआत की थी। बस्तर के
महाराजा पुरषोत्तम ने जगन्नाथ पूरी जाकर रथपति की उपाधि प्राप्त की थी। बस्तर में नवरात्रि के दूसरे दिन से सप्तमी तक माईं जी की सवारी (डोली छत्र ) को परिक्रमा लगवाने वाले इस

रथ को फुल रथ के नाम से जाना जाता है। दंतेश्वरी माईं के मंदिर से माईंजी के छत्र और डोली को रथ तक लाया जाता है। इसके बाद बस्तर पुलिस के जवानों द्वारा बंदूक से सलामी देकर इस रथ की परिक्रमा का आगाज किया जाता है।
मैसूर का दशहरा: 600 साल पुराने दशहरे में न राम होते हैं, न रावण
दिल्ली, मैसूर, बस्तर और कुल्लू के दशहरे की ये फोटो पिछले साल के आयोजन की हैं।
आज पूरे देश में दशहरा की धूम रहेगी। दिल्ली में पहलीबार बिना पटाखों के रावण का दहन होगा तो कुल्लू, बस्तर और मैसूर में ऐसा दशह

रा मनाया जाएगा, जहां न राम होंगे न रावण दहन, फिर भी दशहरे की धूम रहेगी। कुल्लू के दशहरा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल होंगे।
कुल्लू दशहरा: देवी-देवताओं की झांकियां रहती हैं आकर्षण
कुल्लू के भगवान रघुनाथ जी, इनकी अध्यक्षता में ही दशहरा की शोभायात्रा निकाली जाएगी। –
कुल्लू के भगवान रघुनाथ जी, इनकी अध्यक्षता में ही दशहरा की शोभायात्रा निकाली जाएगी।

कुल्लू का दशहरा 372 साल से भगवान रघुनाथ की अध्यक्षता में मनाया जा रहा है। दशहरा उत्सव समिति की ओर से हर साल की तरह इस बार भी देवी देवताओं को निमंत्रण पत्र भेजे
गए हैं। कुल्लू के साथ खराहल, ऊझी घाटी, बंजार, सैंज, रूपी वैली के सैकड़ों देवी-देवता दशहरा की झांकियां यहां शोभा बढ़ाने के लिए पहुंचेंगी।
दिल्ली का दशहरा: बिना पटाखा के 100 फीट के रावण, कुंभकरण व मेघनाद के पुतले जलेंगे दिल्ली में पटाखों पर लगे प्रतिबंध का असर इस बार यहां की रामलीलाओं में देखने मिलेगा। दिल्ली की रामलीलाओं में रावण, कुंभकरण और मेघनाद के पुतले लाइट और साउंड से
धूम-धड़ाके के बीच जलाए जाएंगे। दिल्ली में 70 से लेकर 100 फीट तक के रावण के पुतले तैयार किए गए हैं। लालकिले में लवकुश रामलीला में 100 फीट, नवश्री में 90
फीट व श्रीधार्मिक लीला कमेटी द्वारा 80 फीट का रावण तैयार किया गया है। रामलीला मैदान में 90 फीट का रावण जलाया जाएगा।